नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच लम्बे समय से चले आ रहें सीमा विवाद को लेकर सोमवार (12अक्टूबर) को एक बार फिर दोनों देशों के मध्य सैन्य स्तर की 7वें स्तर की बातचीत होनी है। यह बातचीत लद्दाख सीमा में जारी तनाव के विषय में होगी। यह भारतीय सीमा में स्थित चुशूल में होगी। बातचीत का मुख्य एजेंडा पूर्वी लद्दाख में टकराव वाली हर जगह सेना हटाने का रहेगा। शुक्रवार को चाइना स्टडी ग्रुप (सीएसजी), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने बातचीत की रणनीति को अंतिम रूप दिया था।
अफसरों के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच सीमा पर शांति कायम रखने और तनाव बढ़ने से रोकने को लेकर अगले कदम पर भी चर्चा हो सकती है। अगले 4 महीनों में ठंड के चलते लद्दाख इलाके में स्थितियां काफी विपरीत होंगी, लिहाजा इस दौरान कोई भड़काऊ कार्रवाई न हो।
सितंबर में बनी थी कई मुद्दों पर सहमति
इससे पहले छठे राउंड की बातचीत 21 सितंबर को हुई थी। इसमें दोनों पक्षों में इस बात को लेकर सहमति बनी थी कि अग्रिम सीमा पर और ज्यादा सेना नहीं भेजी जाएगी, कोई भी पक्ष एकतरफा बदलाव नहीं करेगा और न ही कोई एक्शन लेगा, ताकि मामले को उलझने से रोका जा सके।
लद्दाख में पीछे नही हटेगा भारत
सूत्रों के अनुसार, अगर चीन पैंगॉन्ग लेक दक्षिणी किनारे स्थित चोटियों पर से भारतीय सेना हटाने की मांग करता है तो इसका सख्ती से विरोध किया जाएगा। पिछली बार भी चीन के सैन्य अफसरों ने कई रणनीतिक चोटियों मुखपारी, रेजांग ला और मगर हिल्स समेत कई चोटियों से भारतीय सैनिक हटाने की मांग की थी।
चीन ने 29 अगस्त की रात को भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसे भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया था। इसके बाद भारतीय जवानों ने दक्षिणी पैंगॉन्ग की 6 चोटियों को अपने कब्जे में ले लिया था।
बैठक में भारत की तरफ से कौन शामिल होगा
भारत और चुन के मध्य होने वाली इस बैठक में लेह की 14 कॉर्प्स के लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह टीम की अगुआई करेंगे। उनके साथ लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन और विदेश मंत्रालय में दक्षिण एशियाई मामलों के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव भी मौजूद रहेंगे।