Wednesday , June 7 2023

दुश्मन के छक्के छुड़ा देगा भारत का ये हाइपरसोनिक मिसाइल

नई दिल्‍ली: लम्बे समय से पाकिस्तान और चीन के साथ चले आ रहे सीमा विवाद के बीच भारत ने सोमवार को हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परिक्षण किया। भारत ने हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाई है। अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन गया है जिसने खुद की हाइपरसोनिक टेक्‍नोलॉजी विकसित कर ली और इसका सफलतापूर्वक परीक्षण भी कर लिया है। डिफेंस रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने ओडिशा के बालासोर में हाइपरसोनिक टेक्‍नॉलजी डिमॉन्‍स्‍ट्रेटर वीइकल (HSTDV) टेस्‍ट को अंजाम दिया। यह हवा में आवाज की गति से छह गुना ज्‍यादा स्पीड से दूरी तय करता है। यानि की दुश्मन देश के एयर डिफेंस सिस्‍टम इसकी भनक लगने से पहले ही यह मिसाइल अपना काम खत्म कर लेगा।

टेस्ट सफल होने के क्या मायने हैं

साफ- साफ शब्दों में कहा जाये तो अब भारत के पास बिना विदेशी सहायता के हाइपरसोनिक मिसाइल डेवलप करने की क्षमता है। भारत ऐसा करने वाला विश्व का मात्र चौथा देश है। रिपोर्ट्स की माने तो, डीआरडीओ अगले पांच साल में स्‍क्रैमजेट इंजन के साथ हाइपरसोनिक मिसाइल तैयार कर सकता है। इसकी रफ्तार दो किलोमीटर प्रति सेकेंड से ज्‍यादा होगी। सबसे बड़ी बात यह है कि इससे अंतरिक्ष में सैटलाइट्स भी कम लागत पर लॉन्‍च किया जा सकते हैं। HSTDV के सफल परीक्षण से भारत को अगली जेनरेशन की हाइपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस-II तैयार करने में मदद मिलेगी। फिलहाल उसे DRDO और रूस की एजेंसी मिलकर डेवलप कर रहे हैं।

रक्षा मंत्री ने दी डीआरडीओ को बधाई

हाइपरसोनिक मिसाइल के सफल परिक्षण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ख़ुशी जाहिर करते हुए डीआरडीओ की टीम को बधाई दी।
उन्होंने ने ट्वीट कर कहा कि, ‘मैं प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करने और यह उपलब्धि हासिल करने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान (डीआरडीओ) की टीम को बधाई देता हूं। मैंने इस प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों से बात की है और उन्हें बधाई दी। भारत को उन पर गर्व है।’

कई मापदंडों में खरा उतरा एचएसटीडीवी

हाइपरसोनिक प्रोजेक्ट की अगुआई डीआरडीओ प्रमुख जी सतीश रेड्‌डी और उनकी हाइपरसोनिक मिसाइल टीम ने की। इसे सोमवार सुबह 11.03 बजे लॉन्च किया गया। टेस्टिंग की प्रक्रिया करीब पांच मिनट तक चली। परीक्षण में यह लॉन्च व्हीकल कंबशन चेम्बर प्रेशर, एयर इन्टेक और कंट्रोल जैसे मापदंडों पर सही पाया गया।

 

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