नई दिल्ली: नार्वे की नोबेल कमिटी ने कोरोना संकट काल में उल्लेखनीय काम करने के लिय शुक्रवार को वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) को सम्मानित करते हुए, संस्था को इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार दिया। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम द्वारा भूख से निपटने के लिए किए गए उल्लेखनीय प्रयासों के तहत यह सम्मान दिया गया है। पिछले साल इथियोपिया के प्रधानमंत्री एबी अहमद अली को यह सम्मान दिया गया था। इस साल नोबेल शांति पुरस्कार का सम्मान पाने के लिए 300 से भी अधिक व्यक्तियों और संस्थाओं को नामांकित किया गया। ऐसा सिर्फ चौथी बार हुआ है कि जब इतनी बड़ी संख्या में इस सम्मान के लिए नामांकन हुआ।
क्या है वर्ल्ड फूड प्रोग्राम
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (संस्था) दुनिया की सबसे बड़ी मानवीय आर्गेनाइजेशन है जो भूख और खाद्य सुरक्षा की समस्या का समाधान करती है। वर्ष 2019 में WFP ने 88 देशों में करीब 100 मिलियन लोगों को सहायता पहुंचाई थी जो गंभीर भुखमरी के शिकार थे। विश्व खाद्य कार्यक्रम यानि WFP भुखमरी मिटाने और खाद्य सुरक्षा पर केंद्रित संयुक्त राज्य एजेंसी है। दुनिया भर में जरूरतमंदों तक पहुंच यह खाद्य सामग्री उपलब्ध कराती है। गृह युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं जैसे आपात स्थितियों में यह काफी सक्रिय होती है।
अवार्ड के लिए शामिल थे कई नाम
अवार्ड के लिए कतार में पहला नाम विश्व स्वास्थ्य संगठन का था और दूसरा क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग। नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कुल 318 नाम लिस्ट में शामिल किए गए थे। बता दें कि इस पुरस्कार के लिए नामांकन कोई भी भेज सकता है और नोबेल कमिटी की ओर से इसके लिए कोई औपचारिक सूची जारी नहीं की जाती है।
जिसके बाद नार्वे की कमिटी इन नामों पर चर्चा के बाद विजेता का चुनाव करती है। पिछले साल इथियोपिया के प्रधानमंत्री एबी अहमद अली को 2019 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। पड़ोसी एरिट्रिया के साथ सीमा विवाद का हल करने के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया था। 2021 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम भेजा गया है। इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी वर्ष 2009 में सम्मानित किया गया था।