नोएडा: नोएडा-आगरा को जोड़ने वाला यमुना एक्सप्रेस-वे पर सड़क किनारे कई अवैध ढाबे खुल गए हैं। यहां खाना खाने के लिए चालक वाहन को एक्सप्रेस-वे पर खड़ा कर देते हैं। अब यह ढाबें कई बड़े हादसों का कारण बनते जा रहें हैं। जिसे देखते हुए एक्सप्रेस-वे किनारे खुले इन ढाबों को यातायात पुलिस ने एडीजी ट्रैफिक अशोक कुमार सिंह के निर्देशन पर चिह्नित करने की कार्रवाई शुरू की है।
यमुना एक्सप्रेस-वे प्रबंधन समिति की हुई थी बैठक
बीते सोमवार को सोमवार को एडीजी ट्रैफिक ने यमुना एक्सप्रेस-वे प्रबंधन समिति के साथ बैठक की थी और जल्द व्यवस्था को सुधारने और सड़क किनारे खड़े होने वाले वाहनों के हटाने के निर्देश दिए थे। इनमें सुधार नहीं होने पर प्रबंधन समिति के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी। एडीजी ने यमुना एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण भी किया था। उन्हें जेवर टोल प्लाजा तक काफी अव्यवस्था मिली थी। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरा खराब थे।
एक्सप्रेस वे पर सड़क हादसा होने पर वाहनों को हटाने के लिए क्रेन की संख्या कम मिली थी। ओवरटेक करने के लिए साइन बोर्ड की संख्या कम थी। तेज रफ्तार वाहनों के चालान नहीं काटने जा रहे थे। एक्सप्रेस-वे पर ढाबों के किनारे वाहन खड़े थे जो हादसे का कारण बन सकते हैं। यही नहीं, हादसा होने के बाद घायलों को समय पर मदद पहुंचाने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं मिली थी। एडीजी ने यातायात पुलिस को संबंधित विभाग के साथ 15 दिन के अंदर सुरक्षा व्यवस्था में सुधार करने का आदेश दिया था। इसके बाद कुछ व्यवस्थाओं में सुधार किया जा रहा है।
लापरवाही की वजह से खुल जाते है ढाबें
बता दें कि सड़क किनारे खुले इन ढाबों को हटाने के काम पहले भी हो चुका है, लेकिन नियमित कार्रवाई नहीं होने से अवैध ढाबे पुन: खुल जाते हैं। कई बार बैठक होने के बाद भी स्थिति जस की तस थी। इसलिए एडीजी ने यातायात पुलिस को को निर्देश दिए कि एक्सप्रेस वे पर वाहन खड़े नहीं होने चाहिए। हादसे के बाद तत्काल घायलों को मदद पहुंचाई जाएं। पेट्रोलिंग को बढ़ाया जाएं।
नोएडा जोन के यातायात निरीक्षक आशुतोष सिंह ने बताया कि यमुना प्राधिकरण, एनएचआइ के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर एक्सप्रेस-वे किनारे खुले ढाबों को चिह्नित किया जा रहा है। अवैध ढाबा संचालकों को इसे हटाने के निर्देश दिए हैं। कुछ दिन बाद संबंधित विभागों के अधिकारी भी औचक निरीक्षण कर जांच करेंगे। अगर एक्सप्रेस-वे के किनारे वाहन खड़े मिले, तो ढाबा संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।