लखनऊ: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर अपने अधिकारों की सुरक्षा की गुहार लगाई है. लल्लू ने कहा कि बीते डेढ़ साल में 48 बार मेरी गिरफ्तारी हो चुकी है. 12 से 48 घंटे तक कई बार नजरबंद किया गया. कांग्रेस के 136वें स्थापना दिवस समारोह पर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाने से रोका गया. उन्होंने आगे कहा कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है. अगर ऐसा फिर किया गया तो सरकार के खिलाफ कोर्ट में जाएंगे.
सिर्फ कांग्रेस के लिए क्यों लगाई जाती है 144 की धारा
कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में आगे कहा कि कोविड-19 अनलॉक हो जाने के बाद जब सरकारी आंकड़ों में जनजीवन सामान्य हो गया. तब आखिर सिर्फ कांग्रेस के कार्यक्रम और आयोजन में धारा 144 क्यों लगाई गई है? कांग्रेस जिसका इतिहास भारत के इतिहास में सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है, अलोकतांत्रिक तरीके से स्थापना दिवस मनाए जाने से रोकना देश में स्थापित विधिक परंपराओं को रोकने के समान है.
पुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई से यह सिद्ध होता है कि प्रदेश सरकार के द्वारा अनगिनत बार कार्यक्रम को करने से न केवल रोका गया बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष के नाते मुझे व्यक्तिगत तौर पर मेरे दायित्वों को निर्वाहन करने से भी हनन किया गया है.
गिरफ्तारी से पहले अधिकारी ने या कभी नहीं बताया कि मेरा अपराध क्या ?
लल्लू ने आगे यह आरोप लगाया है कि उनकी गिरफ्तारी से पूर्व किसी भी अधिकारी ने कभी नहीं बताया कि उनका अपराध क्या है? लल्लू ने कहा कि मुझे लगातार प्रदेश सरकार के इशारे पर राजनीतिक मानसिक शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. मेरी गिरफ्तारी की प्रक्रिया ऐसी अपनाई गई जैसे कोई आपराधिक घटना में शामिल होने पर की गई है. इससे स्पष्ट होता है कि प्रदेश का पुलिस प्रशासन राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है.
मैं राष्ट्रपति से पूछना चाहता हूं
जन समस्याओं को सरकार के सामने उठाना कब से अपराध हो गया है? जब पूरे देश और प्रदेश में बाजारों में चहल-पहल दिखाई पड़ रही है और भाजपा सत्तारूढ़ पार्टी अपने कार्यक्रम और राजनीतिक रैलियां कर रहे हैं. तब एक विपक्ष के राष्ट्रीय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को क्यों बार-बार गिरफ्तार करके उसके अधिकारों का हनन किया जा रहा है?