प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मालगाड़ियों के संचालन के लिए बनाए गए ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर प्रयागराज स्थित कंट्रोल रूम और लुधियाना से लेकर पश्चिम बंगाल स्थित दानकुनी स्टेशन तक 1875 किलोमीटर डीएफसी ट्रैक पर ट्रेनों के संचालन का शुभारंभ मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत को 21वीं सदी की नई पहचान देने वाला है. यह आजादी के बाद का सबसे बड़ा और अधुनिक रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट धरातल पर उतरते हुए हम देख रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जब भाऊपुर-खुर्जा फ्रेट कॉरिडोर रूट पर जब पहली मालगाड़ी दौड़ी तो उसमें नए भारत और आत्मनिर्भर भारत की गूंज स्पष्ट सुनाई दी. प्रयागराज में ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर भी नए भारत के नए सामर्थ्य का प्रतीक है. यह दुनिया के बेहतरीन और आधुनिक कंट्रोल सेंटर में से एक है. उन्होंने कहा कि आज जब भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है. इसी सोच के साथ बीते छह साल से देश में आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू पर फोकस के साथ काम किया जा रहा है. हाईवे, रेलवे, एयर-वे, वाटर-वे और आई-वे आर्थिक रफ्तार के लिए जरूरी इन पांचों पहियों को ताकत और गति दी जा रही है. यह ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
हमारे यहां यात्री ट्रेन और मालगाड़ियां दोनों एक ही पटरी पर चलती हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे यहां यात्री ट्रेन और मालगाड़ियां दोनों एक ही पटरी पर चलती हैं. मालगाड़ी की गति धीमी होती है. ऐसे में मालगाड़ियों को रास्ता देने के लिए यात्री ट्रेनों को स्टेशनों पर रोका जाता है. इससे यात्री ट्रेन भी लेट होती है और मालगाड़ी भी. ये फ्रेट कॉरिडोर आत्मनिर्भर भारत के बहुत बड़े माध्यम होंगे. उद्योग हों, व्यापार-कारोबार हों, किसान हों या फिर कंज्यूमर, हर किसी को इसका लाभ मिलने वाला है. विशेष तौर पर औद्योगिक रूप से पीछे रह गए पूर्वी भारत को ये फ्रेट कॉरिडोर नई ऊर्जा देने वाला है. इसका करीब 60 फीसद हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, इसलिए यूपी के हर छोटे बड़े उद्योग को इसका लाभ होगा.
कल ही देश में 100वीं किसान रेल शुरू की गई है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कल ही देश में 100वीं किसान रेल शुरू की गई है. किसान रेल से वैसे भी खेती से जुड़ी उपज को देशभर के बाजारों में सुरक्षित और कम कीमत पर पहुंचाना संभव हुआ है. अब किसान रेल और भी तेजी से अपने गंतव्य पर पहुंचेगी. यूपी के रेलवे स्टेशनों के भंडारण की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है. यूपी में आठ नए गुड शेड्स बनाए गए हैं. यह प्रोजेक्ट 2014 के पहले की सरकार की कार्य संस्कृति का जीता-जागता उदाहरण है. 2006 के इस प्रोजेक्ट पर जिस तेजी से राज्यों से बात होनी चाहिए थी, नहीं किया गया. यह योजना अटक गई, भटक गई. 2014 तक एक किमी भी ट्रैक नहीं बिछा था.
लिहाजा बजट 11 गुना अधिक बढ़ गया. करीब 45 हजार करोड़. हमारी सरकार ने तेजी से इस बारे में बात आगे बढ़ाई. आठ साल में एक भी किमी ट्रैक नहीं था जबकि 2014 के बाद 1100 किमी ट्रैक तैयार हो गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले फोकस ट्रेनों की संख्या इसलिए बढ़ाने पर होती थी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले फोकस ट्रेनों की संख्या इसलिए बढ़ाने पर होती थी कि चुनाव में वोट मिल जाए, ट्रैक पर कभी ध्यान ही नहीं दिया गया. जोखिम भरा स्ट्रक्चर बना दिया गया था रेलवे को. हमने ऐलान कर भूल जाने वाली संस्कृति को दरकिनार कर रेल नेटवर्क और इसकी बेहतरी पर काम करना शुरू किया. अब भारतीय रेल पहले से अधिक सुरक्षित हुई है. रेलवे में स्वच्छता, भोजन व अन्य सुविधाओं का फर्क अब दिखता है. रेलवे मैन्युफैक्चरिंग में बहुत व्यापक सुधार हुआ है. बनारस रेल इंजन कारखाना और रायबरेली कोच फैक्ट्री का काम और नाम बढ़ा है. यहां से इंजन और कोच अब निर्यात हो रहा है.
देश का इन्फ्रास्ट्रक्चर किसी दल का नहीं बल्कि देश का भविष्य होता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश का इन्फ्रास्ट्रक्चर किसी दल का नहीं बल्कि देश का भविष्य होता है. यहां एक और मानसिकता का जिक्र करना जरूरी है. प्रदर्शनों और आंदोलनों की मानसिकता देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की है. यह किसी नेता, दल की नहीं है बल्कि जनता की है. करदाताओं की है. गरीब ने अपने पेट काटकर पैसा दिया तब यह इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार हुआ है. राष्ट्रीय दायित्व नहीं भूलना चाहिए. जिस रेलवे को नुकसान पहुंचाया जाता है, वही मुश्किल समय में काम आती है. यह कोरोना काल में हमने देखा है. राशन पहुंचाने से लेकर कोरोना अस्पताल तक की भूमिका में रेलवे रहा है.