लखनऊ। कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन की वजह से 5 महीने में दुनिया थम सी गई। पर अब एक बार फिर देश भर में खुशिया दिखने लगी है। धीरे धीरे रफ्तार से चलने लगी है। लॉकडाउन की वजह से देश भर के स्कूलों और कॉलेजों को बंद हुए भी 5 महीने हो चुके हैं। देश में धीरे-धीरे धार्मिक स्थल, मॉल, होटल और रेस्तरां अब खुल गए हैं और अब बारी है कॉलेजों की। वही गृह मंत्रालय जल्द ही अनलॉक 4.0 के तहत स्कूलों को फिर से खोलने पर निर्णय ले सकता है। इस महीने के अंत तक दिशानिर्देश जारी किए जाने की भी संभावना है। ऐसे में अब सभी के मन में बड़ा सवाल यही है कि क्या 1 सितंबर से स्कूल और कॉलेज भी खोल दिए जाएंगे।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ सीएन अश्वथ नारायण ने घोषणा कि विभिन्न डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए शैक्षणिक वर्ष 1 सितंबर से ऑनलाइन कक्षाओं के साथ शुरू होगा. जबकि ऑफलाइन कक्षाएं अक्टूबर में शुरू की जाएंगी। बताया जा रहा है कि पिछली बार की तुलना में इस बार मेट्रो और बाजार खोलने को लेकर छूट मिल सकती है।
अश्वथ नारायण ने NEET परीक्षा विवाद पर भी कहा, कुछ राज्यों ने पिछले साल भी NEET परीक्षा को रोकने की कोशिश की थी. लोग काम कर रहे हैं, अर्थव्यवस्था अनलॉकडाउन के साथ खुल रही है. हमने COVID19 के बीच कर्नाटक में CET परीक्षाओं को सफलतापूर्वक आयोजित किया. मैं उन लोगों की निंदा करता हूं जो NEET और JEE के खिलाफ जा रहे हैं।
कैसे होगी छात्रों और अध्यापकों की सुरक्षा
शिक्षा मंत्री डॉ सीएन ने बताया, राज्य में कॉलेज खोले जाने को लेकर विशेष तैयारी की जा रही है। इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि छात्रों और अध्यापकों को कोरोना संकट के बीच कैसे सुरक्षा दी जाए। हालांकि उन्होंने कहा, राज्य सरकार केंद्र सरकार से ऑफलाइन कक्षाओं को लिए दिशा-निर्देशों का इंतजार कर रही है।
सोशल डिस्टेंसिंग बड़ी चुनौती होगी
अगर स्कूल खुलते है तो कॉलेज प्रशासन के सामने सबसे बड़ा जोखिम सोशल डिस्टेंसिंग को मेनटेन रखना होगा, क्योंकि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। भीड़ को काम करने के लिए कक्षा का संचालन में भी सावधानी बरतनी में होगी। कुछ दिन पूर्व जारी हुई रिपोर्ट में कक्षा संचालन के विषय में जिक्र किया गया था। हालांकि बाद में कोरोना के बढ़ते रफ्तार देखते हुए बाद में विभाग की तरफ से ये आधिकारिक बयान जारी करना पड़ा कि अभी इस तरह का कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है।
मास्क और स्कैनिंग पूर्णता से हो पाएगी
जब भी स्कूल और कॉलेज खुल जाएंगे तो ऐसे में शिक्षकों के लिए गलब्स और मास्क पहनना जरूरी हो जाएगा। इसके अलावा सभी स्कूलों में थर्मल स्कैनर लगा दिए जाएंगे। साथ ही सभी कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे से इस बात की निगरानी रखी जाएगी कि स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है या नहीं। यदि स्कूल या कॉलेज प्रशासन द्वारा इनका ध्यान नहीं रखा गया तो बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है।
कितनी होगी उपस्थिति?
एक रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल और कॉलेजों में पढ़ाई की गतिविधियां जुलाई महीने के बाद शुरू हो सकती है। लेकिन इस दौरान स्कूल और कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति 30 प्रतिशत ही रहेगी। साथ ही यह भी कहा गया गया है कि कक्षा 8 तक के बच्चे घर पर ही रह सकते हैं। लेकिन, अभी नियमों को लेकर केवल अटकलें ही लगाई जा रही हैं। आपको क्या लगता है कि सरकार को स्कूल खोलते का फैसला लेना चहिए ।