लखनऊ : नेताजी सुभाषचंद्र बोस जयंती की 125वीं जयंती के अवसर पर शनिवार को रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने और मनरेगा की तर्ज पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस रोजगार गारंटी कानून बनाने की मांग को लेकर युवा शक्ति संगठन द्वारा मौन मार्च निकाला गया. देश की आजादी के महानायक नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए युवाओं ने बेरोजगारी के खिलाफ लेखराज से बादशाहनगर स्थित नेताजी सुभाषचन्द्र बोस प्रतिमा तक मौन मार्च किया। इस दौरान बड़ी संख्या में युवा मुंह पर पट्टियां बांधकर पैदल मार्च करते हुए नज़र आए।
गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने नेताजी के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. संगठन ने कहा कि सरकार की इस पहल का हम स्वागत करते हैं लेकिन साथ ही हम सरकार से पुंछना चाहते हैं कि क्या आज का भारत नेताजी के सपनों का भारत है? उन्होंने कहा आज देश में शिक्षित युवाओं में बेरोजगारी चरम पर है और मोदी सरकार युवाओं से बस चुनावी संवाद स्थापित कर उनके भविष्य को अनिश्चित करने की नीति पर काम कर रही है।
9 प्रतिशत के आंकड़े को पार कर चुकी है बेरोजगारी
राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों पर गौर करें तो देश में हर 1 घंटे में 1 बेरोजगार नौजवान आत्महत्या का कदम उठाने को मजबूर है। संगठन द्वारा समाज के प्रबुद्ध वर्ग के मार्गदर्शन में शिक्षित युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी के समाधान की दिशा में मनरेगा की तर्ज पर रोजगार गारंटी कानून का मसौदा बनाया गया है। जिसपर सरकार विचार करने को तैयार नहीं है। वर्तमान समय में देश में बेरोजगारी दर 9 प्रतिशत के आंकड़े को पार कर चुकी है। वहीं 20 से 24 वर्ष के 63 प्रतिशत युवा देश में बेरोजगार है।
वहीं उत्तर प्रदेश में 34 लाख युवा प्रदेश के श्रम और लेबर विभाग के अनुसार पंजीकृत बेरोजगार हैं। यह आंकड़े सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के हैं जो कि गंभीर और भयावह स्थिति से हमें अवगत कराते हैं। गौरतलब है कि अनुमानित 24 लाख सरकारी पद देश में रिक्त है जिसपर भर्ती प्रकिया को लेकर सरकार मौन है जिससे करोड़ों प्रतियोगी छात्रों के सपने बिखर रहे हैं।वहीं रेलवे तथा अन्य सरकारी उपक्रमों में जारी निजीकरण की प्रक्रिया युवाओं के सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लक्ष्य को बाधित कर रही है और बेरोजगारी को बढ़ा रही है।
मसौदे को ज्ञापन के रूप में लेने को सरकार तैयार नहीं
आजादी के 73 वर्षों बाद भी रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने का प्रस्ताव अधूरा है। संगठन द्वारा विगत वर्षों से शिक्षित बेरोजगार युवाओं को मनरेगा की तर्ज पर रोजगार गारंटी देने हेतु नेताजी सुभाषचंद्र बोस रोजगार गारंटी कानून का मसौदा तैयार किया गया है। परंतु दुर्भाग्य है इस मसौदे को ज्ञापन के रूप में लेने को सरकार तैयार नहीं है। आज रोजगार के सीमित होते अवसरों के कारण शिक्षित युवा पीढ़ी की स्थिति पीड़ादायक है, अपने सुनिश्चित भविष्य को लेकर आशंकित है।
उन्होंने कहा कि हमारी मांग है –
1: रोजगार बने मौलिक अधिकार
2: मनरेगा की तर्ज पर शिक्षित बेरोजगारों के लिए बने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून
संयोजक गौरव सिंह ने कहा कि आज देश में हर वर्ष एक करोड़ स्नातक शिक्षित युवा तथा 15 लाख इंजीनियरिंग के युवा डिग्रियां पूर्ण कर रोजगार की तलाश में आ रहे हैं जबकि नौकरियां इन के अनुपात में ना के बराबर हैं। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में जो कि रोजगार के अभाव में पलायन की प्राथमिक पाठशाला बन चुका है। आज आयोजित मौन मार्च में संयोजक गौरव सिंह, सहसंयोजक सरफराज अहमद, मोहम्मद अहमद, एडवोकेट जयप्रकाश, प्रशांत चौबे, शिवम सिंह, सुधीर ,जयहिंद, हर्ष बरनवाल, वकार, महेश, रवि, राहुल, बांके सहित बड़ी संख्या में युवा शामिल रहे।